Abhinava Manushaya summary for class 10. Summary of the lesson Abhinava Manushaya. Abhinav Manushya summary in Hindi, Kannada and English.
SSLC Hindi lesson notes and summary is given in this post. Abhinav Manushya bhavarth hindi for SSLC students. Abhinava Manushaya for class 10.
To get more video notes for class 10, visit our YouTube channel. This channel is very useful for SSLC exam preparation.
abhinav manushya summary in hindi
अभिनव मनुष्य कवि परिचय:
कवि रामधारी सिंह दिनकर जी का जन्म ई. सन् 1904 को बिहार प्रांत के मुंगेर जिले में हुआ। पहले वे रेडियो विभाग में काम करते थे। बाद में एक सरकारी कॉलेज के प्राध्यापक बने। आगे चलकर वे भारत सरकार के हिंदी सलाहकार के पद पर नियुक्त हुए। ईः सन् 1974 को इनका देहावसान हुआ | दिनकर जी की कुछ प्रमुख रचनाएँ हैं – ‘हुँकार’, ‘रेणुका’, ‘रसवंती’, ‘सामधेनी’, ‘धूप-छाँह’, ‘कुरुक्षेत्र’, ‘बापू’, ‘रश्मिरथि’ आदि। सन् 1972 में ‘ऊर्वशी’ काव्य-कृति के लिए उन्हें ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त हुआ। कवि
की हर रचना में हृदय को प्रभावित और उत्साहित करने की पूर्ण शक्ति है। इनकी भाषा सजीव और विषय के अनुकूल है।
कविता का सारांश/भावार्थ :
1) आज की दुनिया बड़ी विचित्र है और नवीन है।आज प्रकृति के सर्व क्षेत्रों पर विजय पाकर मानव आसीन है। उसने जल, विद्युत और भाप आदि पर अपना प्रभुत्व जमा लिया है। आज मनुष्य की आज्ञा से पवन का ताप घटता है और बढ़ता है। उसमें मनुष्य को कहीं रुकावट नहीं है। यहाँ तक कि सरिता, पहाड़ तथा सागर को भी आज मनुष्य सहजता से पार कर सकता है।
2) आज इसी मनुष्य का यान आसमान में उड़ रहा है, परमाणु भी मानो मनुष्यों के करों को देखकर काँपते हैं। यह मनुष्य जो सृष्टि का श्रृंगार है, ज्ञान, विज्ञान और आलोक का आगार है; आसमान से पाताल तक की सब-कुछ उसे जानकारी है। 3) दिनकर जी कहते हैं कि यह वास्तव में मनुष्य का परिचय नहीं है, यह उसका श्रेय नहीं है। श्रेय तो उसका है, जिसने बुद्धि पर चैतन्य उर की जीत प्राप्त की हो। श्रेय उनको है, जिन्होंने असीमित मानवों से प्रेम किया है। श्रेय उनको है, जो एक-दूसरे के बीच की बाधा को मिटा दे। वास्तव में वही ज्ञानी और विद्वान है तथा सच्चा मानव भी वही है।
abhinav manushya bhavarth hindi
कविता का आशय :
प्रस्तुत कविता दिनकर जी के ‘कुरुक्षेत्र के षष्ठ-सर्ग से ली गई है। इसमें आधुनिक मानव तथा वैज्ञानिक युग का विश्लेषण किया गया है। यद्यपि मानव ने प्रकृति के हर क्षेत्र में विजय प्राप्त कर ली है, तथापि उसने आपसी भाईचारा और प्रेम को नहीं पाया है। अतः कवि की इच्छा है कि मनुष्य आपसी प्रेमभाव को समझे और तब कहीं वह सच्चा मानव कहलायेगा।
abhinav manushya summary in Kannada
1) ಇಂದಿನ ಜಗತ್ತು ತುಂಬಾ ವಿಚಿತ್ರ ಮತ್ತು ಹೊಸದು.ಇಂದು, ಪ್ರಕೃತಿಯ ಎಲ್ಲಾ ಕ್ಷೇತ್ರಗಳನ್ನು ಗೆದ್ದ ನಂತರ, ಮನುಷ್ಯ ಕುಳಿತಿದ್ದಾನೆ. ಇದು ನೀರು, ವಿದ್ಯುತ್ ಮತ್ತು ಉಗಿ ಇತ್ಯಾದಿಗಳ ಮೇಲೆ ತನ್ನ ಪ್ರಾಬಲ್ಯವನ್ನು ಸ್ಥಾಪಿಸಿದೆ. ಇಂದು ಮನುಷ್ಯನ ಆಜ್ಞೆಯಂತೆ ಗಾಳಿಯ ಉಷ್ಣತೆಯು ಕಡಿಮೆಯಾಗುತ್ತದೆ ಮತ್ತು ಹೆಚ್ಚಾಗುತ್ತದೆ. ಅದರಲ್ಲಿ ಮನುಷ್ಯನಿಗೆ ಅಡ್ಡಿಯಿಲ್ಲ. ಇಂದಿಗೂ ಮನುಷ್ಯ ನದಿ, ಪರ್ವತ, ಸಾಗರವನ್ನು ಸುಲಭವಾಗಿ ದಾಟಬಲ್ಲ.
೨) ಇಂದು ಈ ಮನುಷ್ಯನ ವಾಹನವು ಆಕಾಶದಲ್ಲಿ ಹಾರುತ್ತಿದೆ, ಮಾನವನ ತೆರಿಗೆಯನ್ನು ನೋಡಿ ಅಣುವುಗಳು ಸಹ ನಡುಗುತ್ತವೆ. ವಿಶ್ವಕ್ಕೆ ಶೃ೦ಗಾರವಾಗಿರುವ ಈ ಮನುಷ್ಯ ಜ್ಞಾನ, ವಿಜ್ಞಾನ ಮತ್ತು ಬೆಳಕಿನ ಮೂಲವಾಗಿದೆ; ಆಕಾಶದಿಂದ ಪಾತಾಳಲೋಕದವರೆಗೆ ಎಲ್ಲವನ್ನೂ ತಿಳಿದಿದ್ದಾನೆ.
3) ಇದು ನಿಜವಾಗಿಯೂ ಮನುಷ್ಯನ ಪರಿಚಯವಲ್ಲ, ಅದು ಅವನ ಕೀರ್ತಿ ಅಲ್ಲ ಎಂದು ದಿನಕರ್ ಜಿ ಹೇಳುತ್ತಾರೆ. ಬುದ್ಧಿಶಕ್ತಿಯ ಮೇಲೆ ಚೈತನ್ಯರ ಜಯವನ್ನು ಸಾಧಿಸಿದ ಶ್ರೇಯಸ್ಸು ಸಲ್ಲುತ್ತದೆ. ಅಪರಿಮಿತ ಮನುಷ್ಯರನ್ನು ಪ್ರೀತಿಸಿದ ಶ್ರೇಯಸ್ಸು ಸಲ್ಲುತ್ತದೆ. ಪರಸ್ಪರರ ನಡುವಿನ ತಡೆಯನ್ನು ನಿವಾರಿಸಿದವರ ಶ್ರೇಯಸ್ಸು. ವಾಸ್ತವವಾಗಿ, ಅವರು ಜ್ಞಾನ ಮತ್ತು ವಿದ್ವಾಂಸರು ಮತ್ತು ಅವರು ನಿಜವಾದ ಮಾನವರು.
abhinav manushya summary in English
1) Today’s world is very strange and new. Today, after conquering all spheres of nature, man is sitting. It has established its dominance over water, electricity and steam etc. Today the air temperature rises and falls at man’s command. There is no obstacle for man in it. Even today man can easily cross rivers, mountains and oceans.
2) Today this man’s vehicle is flying in the sky, even atoms tremble at the tax of man. This man who is the beauty of the universe is the source of knowledge, science and light; He knows everything from the sky to the underworld.
3) Dinkar Ji says that it is not really a man’s introduction, it is not his fame. He is credited with achieving the victory of spirit over intellect. He is credited with loving an infinite number of human beings. Credit to those who bridged the barrier between each other. In fact, they are knowledgeable and learned and they are real human beings.
Watch this video for the explanation of Abhinava Manushaya summary for class 10.